विद्यालय का इतिहास
जनपद अल्मोड़ा के दूरस्थ ब्लॉक सल्ट में रामगंगा नदी के किनारे प्रकृति की सुन्दर वादियों में स्थापित पी0 एम0 श्री एस एस एस बी एस रा0 इ0 का0 नेवलगांव की स्थापना तल्ला सल्ट में सन् 1942 के आस-पास हुई। तल्ला सल्ट में प्राथमिक शिक्षा के अलावा उच्च प्राथमिक, माध्यमिक विद्यालय नहीं थे।
छात्र-छात्राओं को कक्षा 5 उत्तीर्ण करने के बाद आगे की शिक्षा ग्रहण करने के लिए बहुत दूर मल्ला सल्ट के स्कूलों में जाना पड़ता था। आवागमन में छात्र-छात्राओं को विषम प्रकार की कठिनाइयों से गुजरना पड़ता था, जिससे अनेक छात्र-छात्राएं शिक्षा से वंचित रह जाते थे बालक-बालिकाओं की इस पीड़ा से व्यथित होकर तल्ला सल्ट के समस्त क्षेत्रवासियों द्वारा शिक्षा के प्रति रूचि दिखाते हुए तल्ला सल्ट में विद्यालय निर्माण के लिए प्रयास किए गए। इस कार्य हेतु क्षेत्र के महिला-पुरुषों ने अपने-अपने स्तर से तन-मन-धन से विद्यालय निर्माण हेतु प्रयास किया। अंततः शिक्षा जैसे पुनीत कार्य के महत्व को समझते हुए क्षेत्र के गणमान्य लोगों ने नेवलगाँव के रंगीखेत नामक स्थान पर अपनी-अपनी स्वेच्छा से विद्यालय निर्माण हेतु जमीन दानस्वरूप भेंट की।
जन कल्याण की भवन को चरितार्थ करते हुए तल्ला सल्ट के क्षेत्रवासियों ने विद्यालय भवन निर्माण हेतु दूर-दूर से तख्ते-बल्ली व अन्य सामग्री को एकत्रित कर एवं श्रमदान करके एक दोमंज़िला भवन तैयार करवाने में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, जिसके परिणामस्वरूप सन् 1947 में विद्यालय भवन तैयार हो गया और इसमें विधिवत कक्षाएं (6,7,8) संचालित होने लगीं। श्री धर्मदत्त काण्डपाल जी ने सर्वप्रथम प्रधानाध्यापक के रूप में अपनी सेवाएं दीं।तल्ला सल्ट में यह एकमात्र विद्यालय होने के कारण यहाँ तल्ला सल्ट के दूर-दराज के गाँव भकराकोट, अछरोंन, हनेड़ी, कोटली, जाख व नगचूला से विद्यार्थी पठन-पाठन हेतु आते थे लेकिन विद्यार्थियों को आवागमन में बहुत अधिक परेशानियों का सामना करना पड़ता था।
उनकी इस प्रकार की कठिनाइयों को ध्यान में रखकर विद्यालय में बोर्डिंग की व्यवस्था की गयी। अब छात्र विद्यालय में रहकर ही पठन-पाठन करने लगे, जिसके परिणामस्वरूप अनेक विद्यार्थियों ने विभिन्न गरिमामयी पदों पर अपनी सेवाएं देकर क्षेत्र का नाम रोशन किया। सन् 1962 से यहाँ 9 व 10 की कक्षाएं संचालित होने लगीं जोकि तल्ला सल्ट के लिए एक सौभाग्य की बात थी। श्री तारादत्त पन्त जी विद्यालय के प्रधानाध्यापक बने।
कालांतर में यहां इण्टर की कक्षाएं संचालित होने लगीं। विद्यालय की स्थापना से लेकर 2 दिसंबर 2014 तक यह अशासकीय विद्यालय के रूप में संचालित रहा। संभ्रांत क्षेत्रवासियों एवं सुधि जनप्रतिनिधियों के अथक प्रयासों से 3 दिसंबर 2014 को विद्यालय का प्रान्तीयकरण हो गया और विद्यालय में इण्टर विज्ञान वर्ग की कक्षाएं भी संचालित होने लगीं। तल्ला सल्ट का यह सौभाग्य रहा कि सन् 2023 में सल्ट ब्लॉक में रा0 इ0 का0 नेवलगांव को पी0 एम0 श्री विद्यालय के रूप में चयनित किया गया।
समय-समय पर विद्यालय विकास के विभिन्न सोपानों से गुजरते हुए निरंतर उन्नति कर रहा है। ऊर्जावान, नेतृत्व के धनी प्रधानाचार्य के कुशल नेतृत्व एवं लगनशील, परिश्रमी शिक्षकों के सहयोग से तथा शासन द्वारा विद्यालय को उपलब्ध कराए गए संसाधनों का लाभ लेते हुए विद्यार्थी आज भी विकास की दौड़ में विद्यालय एवं क्षेत्र का नाम रोशन कर रहे हैं।
उन महानुभावों को शत्-शत् नमन् जिनके अथक प्रयासों और त्याग से आज विद्यालय क्षेत्र के नौनिहालों को शिक्षित कर इस क्षेत्र के विकास में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है।